Write for us - लोक प्रबोधन

हमारे लिए लिखें (Write for Us)

लोक प्रबोधन एक ऐसा मंच है जो भारतीय विचारधारा, संस्कृति, परंपरा, ज्ञान प्रणाली और राष्ट्रहित से जुड़े विषयों पर गंभीर विमर्श को बढ़ावा देता है। यदि आप भारतीय इतिहास, संस्कृति, सनातन दर्शन, हिंदू समाज, भारतीय शिक्षा प्रणाली, वैदिक विज्ञान, भारतीय ज्ञान परंपरा, राष्ट्रवाद, सामाजिक-आर्थिक विषयों, भारतीय दृष्टिकोण से वैश्विक मुद्दों या अन्य प्रासंगिक विषयों पर लिखने में रुचि रखते हैं, तो हम आपका स्वागत करते हैं।

हम ऐसे विचारकों, लेखकों, शोधकर्ताओं, पत्रकारों, शिक्षकों और विषय-विशेषज्ञों को आमंत्रित करते हैं जो भारतीय दृष्टिकोण को प्रस्तुत करने और स्वतंत्र, तर्कसंगत व शोध-आधारित लेखन को बढ़ावा देना चाहते हैं।

लेखन के लिए दिशानिर्देश (Guidelines for Submission)

  1. मौलिकता:

    • लेख मौलिक होना चाहिए और किसी अन्य वेबसाइट, ब्लॉग या प्रकाशन से कॉपी नहीं किया गया होना चाहिए।
    • पहले से प्रकाशित सामग्री स्वीकार नहीं की जाएगी।
  2. शोध-आधारित और प्रमाणिक लेखन:

    • लेख में प्रस्तुत तथ्य प्रमाणिक स्रोतों पर आधारित होने चाहिए।
    • यदि आप किसी ऐतिहासिक घटना, शास्त्र, शोधपत्र या अन्य संदर्भ का उल्लेख कर रहे हैं, तो उसके स्रोत अवश्य दें।
  3. भाषा और शैली:

    • लेख सरल, स्पष्ट और प्रवाहमयी हिंदी भाषा में लिखा होना चाहिए।
    • अनावश्यक जटिलता से बचें और विषय को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करें।
    • यदि आवश्यक हो, तो तकनीकी शब्दों के हिंदी और अंग्रेजी दोनों रूप लिखें।
  4. लेख की लंबाई:

    • सामान्य लेख 1000-2000 शब्दों के बीच होने चाहिए।
    • शोध-आधारित और विस्तृत लेख 2000+ शब्दों तक हो सकते हैं।
    • छोटे लेख (600-800 शब्द) केवल विशेष परिस्थितियों में स्वीकार किए जाएंगे।
  5. फॉर्मेटिंग और प्रस्तुति:

    • लेख को उचित शीर्षकों (H1, H2, H3) और बुलेट पॉइंट्स के साथ व्यवस्थित करें।
    • यदि कोई महत्वपूर्ण शब्द या वाक्य है, तो उसे बोल्ड या इटैलिक करें।
    • लेख में उपयुक्त चित्र, चार्ट या ग्राफ जोड़ने की अनुमति है (कॉपीराइट-मुक्त सामग्री होनी चाहिए)।
  6. टोन और निष्पक्षता:

    • लेखन में संतुलित दृष्टिकोण और निष्पक्षता होनी चाहिए।
    • विवादित मुद्दों पर विचार रखते समय तथ्यों पर आधारित निष्कर्ष प्रस्तुत करें।
    • नकारात्मक, अपमानजनक, या भड़काऊ भाषा का उपयोग न करें।

आपको हमारे लिए क्यों लिखना चाहिए?

  • भारतीय विचारधारा और संस्कृति को आगे बढ़ाने में योगदान देने का अवसर।
  • स्वतंत्र विचारों को अभिव्यक्त करने और एक बौद्धिक समुदाय का हिस्सा बनने का मंच।
  • आपके लेख हजारों पाठकों तक पहुँचेंगे, जिससे आपकी लेखनी को पहचान मिलेगी।
  • हम आपको भारतीय ग्रंथों और साहित्य से जोड़ने, लेखकों और पाठकों को जोड़ने में सहयोग करेंगे।
  • विशेष लेखकों को हमारे शोध, संगोष्ठियों और कार्यक्रमों में भाग लेने का अवसर मिलेगा।

लेख कैसे सबमिट करें?

यदि आप हमारे लिए लिखना चाहते हैं, तो अपना लेख MS Word या Google Docs फ़ाइल में संलग्न करके निम्नलिखित विवरणों के साथ हमें ईमेल करें:

📧 ईमेल: 
🔖 विषय: प्रकाशनार्थ प्रेषित – आपके लेख का शीर्षक
📜 संलग्न करें:

  • आपका लेख (MS Word / Google Docs फ़ाइल)
  • आपका संक्षिप्त परिचय (50-100 शब्द)
  • यदि उपलब्ध हो, तो आपका फोटो और सोशल मीडिया/वेबसाइट लिंक
  • कृपया अपना व्हाट्सप्प नंबर (WhatsApp Number) अवश्य दें। इससे हम आपको प्रकाशित लेख के बारे में आसानी से सूचित कर पाएंगे।

लेख भेजने का पता

: bharatlokprabodhan@gmail.com

महत्वपूर्ण सूचना 


लोक प्रबोधन एक स्वतंत्र एवं वैचारिक मंच है, जो भारतीय संस्कृति, इतिहास, परंपराओं और ज्ञान प्रणाली के प्रचार-प्रसार के लिए समर्पित है। यह मंच पूरी तरह से स्वैच्छिक (Voluntary) प्रयासों पर आधारित है। अतः, हम किसी भी लेख के लिए कोई मानदेय (Honorarium) देने में सक्षम नहीं हैं। हमारा उद्देश्य भारतीय दृष्टिकोण को आगे बढ़ाना और एक सकारात्मक बौद्धिक संवाद स्थापित करना है। यदि आप हमारे लिए लिखते हैं, तो कृपया इसे सेवा और योगदान के रूप में देखें, न कि व्यावसायिक कार्य के रूप में

हम आपके योगदान की सराहना करते हैं और आपके लेख को अधिकतम पाठकों तक पहुँचाने का प्रयास करेंगे। यदि आप भारतीय संस्कृति और विचारधारा को सशक्त बनाने में योगदान देना चाहते हैं, तो आपका स्वागत है!

Important Note


Lok Prabodhan is an independent and intellectual platform dedicated to the promotion of Indian culture, history, traditions, and knowledge systems. This platform is entirely voluntary-based, and we are unable to provide any honorarium for submitted articles. Our goal is to advance the Indian perspective and foster meaningful intellectual discourse.

If you choose to write for us, please consider it as a contribution and service rather than a commercial assignment. We deeply appreciate your efforts and will ensure that your articles reach a wider audience. If you wish to contribute to strengthening Indian culture and thought, you are most welcome!

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